Posts

Showing posts from 2021

Nadan e Ishq...!

Image
  नादान ए इश्क़...! एक इश्क़ जो नादान सा बेशुमार सा हुआ, हां एक मुस्कुराहट जो मेरे दिल को कभी छुआ था, फिल्मों को देखकर शायद हमने भी, इश्क़ आंखों से शुरू किया था। एक नजर जो ठहरी हुई सी थी मुझ पर, कभी हमने भी दिन में बेवजह मुस्कुराया था, किसी की मासूमियत उसके मोहब्बत को, कभी पा लेने का जुनून जो बनाया था। स्कूल उसकी मुलाकात की वजह बन गई, जो बिना कहे रोज जाया जाता था, देखकर मेरी बेताबी मेरी बेचैनी को, मेरे दोस्तों ने जो साथ निभाया था। एक दिन सोचा सब कह डालू, मगर हिम्मत न जुटा पाया था, बस उन्हें मैं देखता ही रहा, ये यह सिलसिला यूं ही जारी था। सब लगे थे इम्तिहान की तैयारियों में, मैं बस खयालों में ही खोया रहता था, एक दफा खत में दिल की बातें सब लिख डाला, खत के इंतजार में अब रातों को जागा जाता था। एग्जाम्स के दिनों में वह मेरे ही पीछे, इश्क़ ने जो थोड़ा सा साथ निभाया था, छुट्टियों ने बेचैनी से जकड़ा हुआ था मुझे, वो दूर होने का जो डर सताया था। घर के उसके परेशानियों ने शायद, मेरे इंतजार को " ना " करवाया था, मैं टूटा हुआ उदासियों को लिए, अपने जज्बात संभाल ना पाया था। उनकी मोहब्बत ने घेर...

Parakh khubsurti ki...??

Image
  परख खूबसूरती की...? चलो चलें रिश्ते जोड़ आते हैं, किसी की खामियों को शौक से बताते हैं, कैसे तुमको सामने बैठना नज़राना , घरवाले कितने शान से सिखलाते हैं। बेशक हजार खामी हो बेटो में, बदसुरत एक बेटी कहलाती है, रंग तो सांवला सा ही था बचपन से ही, यह किस खूबसूरती की तलाश में आ जाते हैं। एक इम्तिहान फिर देना है चलो, तुमको नमूना पेश करना है चलो, हंसना नहीं होंठो को सील लो तुम, तुमको सामने ले जाना है चलो। देखो नजरे नीचे ही रखना, कुछ पूछे तो तुम ज्यादा न कहना, उनकी बातों पर घबराना नहीं, तुमसे गलतियां ना हो पाए ख्याल रखना। उनके आते ही नजरें जो उनकी मुझे चुभने लगती है, मेरे अंदर जो मैं हूं कहीं मुझसे सवाल करती है, कद छोटा है, थोड़ी सांवली, बहुत दुबली सी लड़की है, इतनी खामियां जब मुझ में निकाले जाते हैं। फोटो देखकर बेज्जती करने क्यों सामने आ जाते हैं, हंसते हुए चेहरे को यह एक दाग लगा जाते हैं, इनकी परख देखकर दिल में खयाल मेरे उमड़ता है, किसी की बेटी को यह सामान सा परख जाते हैं। कब तक चलेगी यह खूबसूरती की पहचान है, हजारों रिश्ते हर देश मे जो जोड़े जाते है, आईना देख मुस्कुराती थी जो खूबसूरती,...

Kabhi to pucho..?

Image
        कभी  तो पूछो..?? गमों को छुपा कर मुस्कराती सी हूं मै, आंसू के छलकने से घबराती सी हूं मै, उदासियो से जुड़ा है मेरा नाता, ये जहर के घूंट रोज़ पीती सी हूं मै। मैंने अपने निगाहों को खुश्क पाया है, भीड़ मे खुद को अक्सर तन्हा ही पाया है, होंठो पे मुस्कुराहट और आंखों से अश्क बहाया है, कभी तो पूछो ऐसा किसने बनाया है। हर रोज़ लड़ती हूं खुद से,  कहते कहते रुकती हूं खुद से, हारी सी जिंदगी है तू, आईने को देख कहती हूं खुद से। ये रोज़ की जंगे,ये रोज़ के कतरे, नाराज़ सी जिंदगी , बिना मंज़िल के रस्ते, कभी तो पूछो मै उदास सी क्यों लगती हूं, कभी तो पूछो मै इतना क्यों हस्ती हूं।  Shaikh Shabana

Jahez Ab nahi....!

Image
जहेज़ के नाम पर बहु आग में उतारी है, हमारे इस मुल्क में अब तक यह जुल्म जारी है, कदम बाहर कैसे निकालूं, घर की इज्जत की जंजीर बहुत भारी है। मां-बाप के जिगर के टुकड़े को लेते हैं, कहते हैं हमें जेवर नहीं मिला, हम जिंदगी भर जले यहां, पर हमारा मुकद्दर नहीं मिला। शादियां जेहमत कर गई है लालच जहेज़ की, बेटियों को तबाह कर गई लालच जहेज़ की, एक बाप की जिंदगी की कमाई को लाकर, कहते हैं "क्या लाई"लालच जहेज़ की। ज्यादा जो ले आई तो सर पर बिठा लिया, कम होते ही बाहर भगा दिया, लेकर जो निकली जिस्म की मिट्टी मैं बाहर, जहेज़ के लालची ने सारे आम कत्ल कर दिया। जहेज़ के नाम पर मौत अब कम नहीं, कभी अर्थी कभी डूबी वही, चलो जुट कर एक हो जाएं, जहेज़ के नाम पर आवाज उठाएं। बताए इन लालची लोगो को हम, ये बेटियां किसी से कम नहीं, पहचान अपनी आला रख कर, कहे हम एक साथ जहेज़ अब नही। photo credit  Syed Fahim Haidar Shaikh Shabana