क़यामत आनी है!
जब ज़ुल्म हद से बढ़ जाये,
सच्चाई कहना रुक जाए,
जब सहारा झूठ का हो,
रिश्वत जब हर रूप का हो,
बटवारा घर घर हो जाये,
यह मुल्क की नाकामी है,
एक दिन क़यामत आनी है।
मुनाफिक की जब हुक्मरानी हो,
जब घरो में आग लगे,
हर इंसान की राख जले,
सच्चाई के रास्ते ढक जाए,
यह गरीबी आपकी मेहरबानी है,
एक दिन क़यामत आनी है।
जिस मुल्क की बेटी महफूज़ नही,
हर दिन बने निर्भया और लक्ष्मी,
उस मुल्क की तरक़्क़ी कैसे हो,
बुलंद जब हम अपनी आवाज़ करे,
हमको चुप ये दगाबाज़ करे,
यह सब एक निशानी है,
यह दुनिया यारों फानी है।
एक दिन क़यामत आनी है।
एक दिन क़यामत आनी है।
शबाना शेख
Image by Clément Falize
सच्चाई कहना रुक जाए,
जब सहारा झूठ का हो,
रिश्वत जब हर रूप का हो,
बटवारा घर घर हो जाये,
यह मुल्क की नाकामी है,
एक दिन क़यामत आनी है।
मुनाफिक की जब हुक्मरानी हो,
जब घरो में आग लगे,
हर इंसान की राख जले,
सच्चाई के रास्ते ढक जाए,
यह गरीबी आपकी मेहरबानी है,
एक दिन क़यामत आनी है।
जिस मुल्क की बेटी महफूज़ नही,
हर दिन बने निर्भया और लक्ष्मी,
उस मुल्क की तरक़्क़ी कैसे हो,
बुलंद जब हम अपनी आवाज़ करे,
हमको चुप ये दगाबाज़ करे,
यह सब एक निशानी है,
यह दुनिया यारों फानी है।
एक दिन क़यामत आनी है।
एक दिन क़यामत आनी है।
शबाना शेख
Image by Clément Falize
Beautifully written ❤️
ReplyDeleteThanks dear 😊
DeleteWell wrote
ReplyDeleteThanks
DeleteSuperb
ReplyDeleteBahut achha 🧡
DeleteBahot shukriya
DeleteTHANKS GUYS
ReplyDeleteIf any topic you have you can suggest me🥰
Osm
ReplyDelete
ReplyDeleteAlmost we all are on that stage.
Yes we are
Delete
ReplyDeleteAlmost we all are on that stage.
Beautifully u have written it keep it up